Thursday, 21 May 2009

17 May - 20 May 2009

ह्रदय में जब भी टीस उठे तो,
आँखों से छलक जाता एक अश्रु|
गम छोडो खुल के मुस्काओ,
हमको सिखलाता एक अश्रु|
आँख खुले तो मस्त मौला सा,
खुल के बह जाता एक अश्रु
वरना भीतर ही भीतर,
कसमसाता एक अश्रु|

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